वो मिलना क्या जो ले जाएं, सुकून जीवन का प्रियतम के
चलो बुन लें घरौंदे कुछ सुनहरे भाव, यादों के
न हो जिनकी कोई सीमा, न हो परछाई भी गम की
जो हो, बस प्रीत जीवन भर, निगाहे यार के दम में
वो मिलना क्या जो ले जाएं, सुकून जीवन का प्रियतम के
चलो बुन लें घरौंदे कुछ सुनहरे भाव, यादों के
न हो जिनकी कोई सीमा, न हो परछाई भी गम की
जो हो, बस प्रीत जीवन भर, निगाहे यार के दम में