इबादत रब की हो या हो इबादत ए माशूक
सच्ची तब तक नहीं जब तक मां बाप आप पर फख्र महसूस न करें। आप किसी को तब तक सच्चा प्यार नहीं कर सकते, जब तक कि आपने सच्चा प्यार महसूस न किया हो। और मत भूलिए कि बातें चाहे जितनी कड़वी बोल दें, आपके माता पिता से ज्यादा और सच्चा प्यार आपको कोई भी नहीं दे सकता। शायद खुद आप भी नहीं।