गर चांद दिखे, तब ध्यान रहे
ना गुन तू दिन गर हो द्वितीया
चाहे पूनम का ही चांद रहे
ना लख दाग चांदनी में
लख रोशन अंधियारे में कला
बस भाव यही धर ले हे मन
आ देख मनोरम दिव्य छटा
गर चांद दिखे, तब ध्यान रहे
ना गुन तू दिन गर हो द्वितीया
चाहे पूनम का ही चांद रहे
ना लख दाग चांदनी में
लख रोशन अंधियारे में कला
बस भाव यही धर ले हे मन
आ देख मनोरम दिव्य छटा