रिश्तों में घुटन और दिल में तूफान सा क्यों है
टूटा है एक तारा मगर तू परेशान सा क्यों है
था इश्क़ अगर तुझे उस अंजुमन से फिर
लग जा गले, इतना बद गुमान सा क्यों है
रिश्तों में घुटन और दिल में तूफान सा क्यों है
टूटा है एक तारा मगर तू परेशान सा क्यों है
था इश्क़ अगर तुझे उस अंजुमन से फिर
लग जा गले, इतना बद गुमान सा क्यों है