अब समय नहीं है खोने का
गिन कदम खुद ही अपने बंदे
गैरों की गिनती ढीली है
गिनता चल अपनी सांसें भी
दूजों की फितरत मैली है
जीवन है तेरा तू ही संभाल
कर सब वांछित कि बचे न मलाल
पर ध्यान रहे बस एक बात
जीवन को समझ न तू गुलाल
ये मिला नहीं है खोने को
ये मिला नहीं है ढोने को
धुएं में न उड़ जाए ये कहीं
और बिके न तू मयखाने को
अब एक बार बनकर मिसाल
तू कर दे कुछ ऐसा धमाल
कि शोर न हो तेरी बातों का
पर शोर रहे जज्बातों का
अब तक जो तुझ पर हंसते रहे
कस दे मुख पर उनके लगाम
गर मान मेरी तो कहे *अर्पण*
कर दे कमाल, कर दे धमाल
तुम्हें समर्पित, तुम्हें ही अर्पित
रस, ताल, रंग और भावना
बन राही तू प्रगति पथ का
तुझमें है बड़ी संभावना