शायरी – 17 5Feb 201911 Feb 2019Add a comment अपनाया खूबियों को ही कमियों को नजरंदाज किया पास आए तो नजर आया मंजर ख्वाबों के परे पाया फिर कौन कहे और सहे उल्फत गर प्रीत वो थी तो गम क्यों है अपनाया गुणों को तो खुशी रही पाकर कमियों को क्यों दूर हुए Share with friends :TweetTelegramWhatsAppEmailPrintShare on TumblrPocketLike this:Like Loading... Related