- चीन बना रहा है एशिया का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत
- सेटेलाइट तस्वीरों और एक अमेरिकी think tank के विश्लेषण पर आधारित
- अमेरिकी think tank “Centre for Strategic and International Studies (CSIS)” की ओर से मुहैया कराई गई तस्वीरों से उजागर हुआ कि शंघाई के पास जिआंगन शिपयार्ड में पिछले 6 माह से एक विशाल पोत के निर्माण की गतिविधियाँ चल रही हैं
- विश्लेषकों के अनुसार यह विमानवाहक पोत एक लाख टन वजनी अमेरिकी विमानवाहक पोत से थोड़ा छोटा लेकिन फ्रांस के 42500 टन वजन के चार्ल्स डी गाल विमानवाहक पोत से बड़ा हो सकता है
- चीनी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने पिछले साल बताया था कि चीन अपने तीसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कर रहा है। इसे 2021 में लांच किया जा सकता है
- चीन विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा मजबूत करने के साथ ही हिंद महासागर के बड़े हिस्से पर अपना दबदबा चाहता है। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की योजना 5 से 6 विमानवाहक पोत तैयार करने की है
- पगान उत्सव – कृषि पर्व
- बेलारुस में कृषि पर्व की अद्वितीय परंपरा
- यूर्या देव की पूजा–अर्चना की जाती है जिन्हें फसलों का संरक्षक और प्रचूर उपज देने वाला माना जाता है
- जर्मनी का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे
- मंगलवार को आधिकारिक रुप से खोल दिया गया
- Frankfort के समीप करीब 10 किलोमीटर के इस हाईवे सेक्शन से ट्रक गुजर सकेंगे जो उपर चलती बिजली लाइन से संचालित होंगे
- फिलहाल केवल पांच ट्रक कंपनियाँ ही इस Controlled Highway System Project का हिस्सा हैं। यह Highway section, Frankfort airport और एक industrial park के बीच महत्वपूर्ण लिंक का हिस्सा है
- विश्व रेडक्राॅस दिवस – 8 मई
- बिना भेदभाव के पीड़ित मानवता की सेवा करने के विचार के प्रतिपादक और रेडक्रॉस अभियान के जन्मदाता स्विस बिजनेसमैन हेनरी ड्यूनेन्ट का जन्म 8 मई 1828 को हुआ था
- उनके जन्मदिन 8 मई को ही पूरे विश्व में विश्व रेडक्रॉस दिवस के रुप में मनाया जाता है
- मल जांच से लिवर सिरोसिस का पता
- मल में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों से व्यक्ति में लिवर सिरोसिस का पता लगाया जा सकता है
- लिवर सिरोसिस को लिवर के लिए कैंसर के बाद सबसे खतरनाक बीमारी माना जाता है। इस बीमारी के गंभीर होने की स्थिति में लिवर transplant ही एकमात्र विकल्प बचता है। बीमारी पूरी तरह फैलने से पहले इसकी जांच मुश्किल होती है
- अमेरिकी की UC San Diago School of Medicine के प्रोफेसर रोहित लुंबा के अनुसार इस बीमारी की समय से जांच होने की स्थिति में इसके इलाज में भी प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। प्रयोग में वैज्ञानिकों ने Non Alcoholic Fatty Lever disease की जांच में सफलता हासिल की है
साभार– दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 08 मई 2019
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