- SC-ST Act में कसौटी पर फांसी का प्रावधान
- SC-ST Act की धारा 3(2)(1) को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
- इस धारा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति जो SC-ST वर्ग का नहीं है, किसी SC-ST वर्ग के खिलाफ जानबूझकर झूठे साक्ष्य देता है और उसके कारण उस व्यक्ति को फांसी हो जाती है तो झूठे साक्ष्य देने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जाएगा।
- आपत्ति है कि सजा के मुद्दे पर अदालत को परिस्थितियों के मुताबिक फैसला लेने का विवेकाधिकार नहीं देना असंवैधानिक है
- इस धारा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति जो SC-ST वर्ग का नहीं है, किसी SC-ST वर्ग के खिलाफ जानबूझकर झूठे साक्ष्य देता है और उसके कारण उस व्यक्ति को फांसी हो जाती है तो झूठे साक्ष्य देने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जाएगा।
- याचिका में IPC की धारा 194 से तुलना की गई है जिसमें ठीक वैसे ही अपराध के लिए अनिवार्य मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है बल्कि अदालत को मृत्युदंड और कैद में चुनाव करने का विवेकाधिकार दिया गया है
- दोनों कानूनों में अंतर सिर्फ इतना है कि SC-ST Act में झूठे साक्ष्य देने वाला व्यक्ति सामान्य वर्ग का तथा प्रभावित व्यक्ति SC-ST वर्ग का होता है जबकि IPC में दोनों व्यक्ति सामान्य वर्ग के होते हैं
- सुप्रीम कोर्ट ने 1983 में मिट्ठू बनाम पंजाब राज्य के मामले में धारा 303 को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया था
- उक्त फैसले के अनुसार सजा देने की प्रक्रिया में यदि विधायिका अदालत का परिस्थितियों के मुताबिक फांसी की सजा नहीं देने के विवेकाधिकार को खत्म करती है और अदालत को परिस्थितियों को दरकिनार कर सिर्फ मृत्युदंड देने के लिए बाध्य करती है तो ऐसा कानून असंवैधानिक है
- याचिकाकर्ता का कहना है कि अनिवार्य मृत्युदंड का प्रावधान बनाए रखने से CrPC की धारा 235(2) और 354(3) का उल्लंघन होता है जिसके अनुसार सजा से पहले सजा के मुद्दे पर अदालतों द्वारा सुनवाई और सजा देने के कारण को दर्ज किए जाने का प्रावधान है
- SC-ST Act की धारा 3(2)(1) को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
- MCA–21
- एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज जिसमें कंपनियाें द्वारा दाखिल समस्त जानकारी रखी होती है।
- इसका प्रबंधन कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जाता है
- GDP की गणना के कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा इसी डाटाबेस का उपयोग किया जाता है
- ऑपरेशन शक्ति
- 1974 के बाद 1998 में 11 मई को अटलबिहारी बाजपेई सरकार द्वारा पोखरण में दूसरा परमाणु परीक्षण
- इस परीक्षण के तहत कुल तीन विस्फोट हुए थे जिनमें से एक 11 मई काे जबकि दो 13 मई को किए गए थे
- कार्बेट रिजर्व के घड़ियाल IUCN की Red List में
- संकटग्रस्त प्रजाति में शामिल
- कार्बेट पार्क के घड़ियालों को पहली बार International Red List Global Assessment में शामिल किया गया था
- उत्तर भारतीय महाद्वीप में मीठे पानी में रहने वाले घड़ियालों का हाल ही में IUCN Red List of Threated के अनुसार मूल्यांकन किया गया
- 2008 तक इन घड़ियालों के बारे में कोई खास जानकारी नहीं थी
- नुओ ओपेरा Festival
- चीन के युन्नान प्रांत स्थित चेंगजियांग काउंटी में तीन दिवसीय आयोजन
- यह एक प्राचीन लोक नाट्य है जिसकी प्रस्तुति विशेष तरह का मास्क पहनकर दी जाती है।
- चीन के विभिन्न हिस्सों में यह अभी भी लोकप्रिय है
- विलुप्त हो रहे जीव फिर हो रहे जिंदा
- विज्ञान की भाषा में इस प्रक्रिया को ʺपुरावृत्त विकास‘ या “इंट्रेटिव इवोल्यूशन” कहा जाता है
- एक शोध में हिंद महासागर के आस–पास रहने वाले ऐसे जीवों की पहचान की गई है जिनमें रेल नामक पक्षी और एल्डेब्रा नामक कछुआ आजकल चर्चा में हैं
- रेल एक ऐसा पक्षी है जो उड़ नहीं सकता। शोधकर्ताओं के अनुसार पहले यह पक्षी उड़ने में सक्षम था तथा इसके पंखों की शक्ति क्षीण होने में कई हजार साल लगे होंगे
- लेनिन सोसाइटी के Zoological Journal में प्रकाशित शोध के मुताबिक रेल की बची हुई कॉलोनी दक्षिणी–पश्चिमी हिंद महासागर के एक द्वीप (मेडागास्कर) में पाई गई है
- ब्रिटेन के पोर्टसमाउथ विश्वविद्यालय और नेचर हिस्ट्री म्यूजियम के शोधकर्ताओं के अनुसार जीवों की विलुप्ति और पुनर्जीवन की प्रक्रिया दस लाख साल में एक या दो बार ही देखी जाती है
साभार– दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 11 मई 2019
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