दुनिया में हर रोज कहीं न कहीं दुष्कर्म और बर्बरता की घटनाएं सामने आ रही हैं और सबसे दुखद यह है कि कोमल और अबोध बच्चियों को भी इन नराधमों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। अभी ताजा घटना एक ढाई वर्ष की उम्र की बच्ची के साथ नितांत अमानवीय कृत्य की है जिसके आरोपी पर एक आरोप यह भी है कि उसने अपनी खुद की अबोध बेटी के साथ भी दुष्कर्म किया था। जिस प्रकार से उस बच्ची के साथ बर्बरता की गई उसकी कल्पना से ही मन सिहर उठता है तो उस बच्ची ने उसे कैसे सहा होगा!!!! किन्तु उस वहशी दरिंदे को कुछ भी ना दिखा और उसने उस घटना को अंजाम दिया जिसने समस्त मानवता को कलंकित करने का काम किया है।
दुष्कर्म और बर्बरता किसी भी प्रकार से सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। हम ऐसी किसी भी सोच और कर्म का खुला विरोध करते हैं और इस विरोध के प्रतीक के रूप में हमारी इस पोस्ट का शीर्षक (blank) रहेगा। नर और नारी का गरिमामय सह अस्तित्व ही एक स्वस्थ समाज और मानवता के मूल में है। ऐसा कोई भी कर्म जिससे किसी के जीवन के अधिकार का हनन होता हो उसके लिए कठोरतम दंड अत्यंत आवश्यक है।
नहीं काबिल है वो नर कलंक
रत्ती भर भी किसी माफी के
वासना अधीन है कुकर्मी वो,
जीवन का भी हक नहीं उसे
जिस बच्ची को न पता कुछ भी,
उसके अंगों को भंग किया
ऐसे दुर्दांत नराधम से,
तत्काल धरा को मुक्त करो