- आंध्र प्रदेश – पांच उपमुख्यमंत्रियों वाला देश का पहला राज्य
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और YSR कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष YS जगन मोहन रेड्डी द्वारा घोषणा
- पांचों उपमुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और कपू समुदाय से होंगे
- मंत्रिमंडल के 25 सदस्यों में से आधे इन्हीं समुदायों से संबंधित होंगे
- वर्तमान में देश के कुल 31 विधानसभा वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से 14 में उपमुख्यमंत्री कार्यरत हैं जिनमें से उत्तर प्रदेश और गोवा में 2–2 तथा अन्य 12 राज्यों में 1 उपमुख्यमंत्री कार्यरत है
- क्या कहता है संविधान – उपप्रधानमंत्री अथवा उपमुख्यमंत्री पद का संविधान में कहीं पर उल्लेख नहीं है लेकिन सरकारें अक्सर किसी को संतुष्ट करने के लिए या फिर किसी अन्य जरुरत के चलते इन पदों का इस्तेमाल करती हैं। इनकी कोई निश्चित संख्या निर्धारित नहीं है।
- NPA वसूली के लिए नए दिशानिर्देश जारी
- फंसे कर्ज की शीघ्र पहचान, सूचना देने और समयबद्ध ढंग से उसे वसूलने का framework उपलब्ध कराने के मकसद से नए दिशानिर्देश Prudential Framework for Resolution of Stressed Assets जारी
- इनमें Corporate कर्ज संरचना योजना, रणनीतिक कर्ज पुनर्संरचना योजना (SDR), SDR के बाहर स्वामित्व में बदलाव, Scheme for Sustainable of Stressed Assets (S4A) और Joint Lenders Forum शामिल हैं
- बैंकाें को डिफाल्टर की पहचान करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा
- कर्जदाताओं को दिए कर्ज के 35 प्रतिशत की provisioning करनी ही होगी। इनमें 20 प्रतिशत की provisioning default होने के शुरुआती 180 दिन के भीतर करनी होगी
- अगर कर्जदाता 365 दिनों के भीतर किसी समाधान पर पहुंचने में विफल रहते हैं तो उन्हें शेष 15 प्रतिशत की provisioning करनी होगी
- बैंकों और वित्तीय संस्थानों को किसी कंपनी के default के तत्काल बाद लोन खाते की दिक्कतों को पहचानते हुए इसे special mention account के रुप में दर्ज करना चाहिए
- अगर कोई कंपनी किसी एक बैंक के साथ भी default करती है तो अन्य वित्तीय संस्थानों को भी 30 दिन के भीतर उस खाते की समीक्षा करनी होगी
- इस दौरान ये वित्तीय संस्थान इस कर्ज को फंसने से बचाने के उपाय तलाश सकते हैं और उसका हल लागू करने की योजना बना सकते हैं। इस अवधि के दौरान अगर कोई समाधान योजना लागू की जाती है तो बैंकों को मिलकर एक Inter-creditor agreement यानी कर्जदाता समझौता करना होगा
- स्टेम सेल को बचाएगी नई हाइड्रोजेल
- माेहाली के Institute of Nano Science and Technology के शोधकर्ताओं ने विकसित किया Injectable Gel
- हाइड्रोजेल में मेसेनकेमल स्टेम सेल (MSC) को Encapsulate करके तैयार किया गया
- यह हाइड्रोजेल प्राकृतिक मैटेरियल जैसे– सेल्यूलोज और कीटोजन से बनाया गया है और लगाने के एक महीने के बाद स्वतः नष्ट हो जाता है
- इसमें एमीनो और एल्डिहाइड समूह के तत्व भी मौजूद हैं
- स्टेम सेल जब किसी घाव में प्रत्यारोपित किया जाता है तो पैराक्रीन फैक्टर नामक रसायन छोड़ता है जो उत्तक के पुनर्निर्माण के लिए आसपास की अन्य कोशिकाओं को प्रेरित करता है
- प्रत्यारोपण के बाद हाइड्रोजेल में मौजूद पैराक्रीन कोशिकाओं के विकास और क्षतिग्रस्त उत्तकों की मरम्मत करने में सहायता करता है।
- अध्ययन के लेखक जिजयो थामस के अनुसार इस हाइड्रोजेल में उत्तक कोशिकाओं के समान 95 प्रतिशत पानी के तत्व हैं जो कोशिकाओं में उत्तकों को व्यवस्थित करने में मदद करते हैं। यह जेल घाव के अनुरुप आकार लेकर घाव को पूरा ढंक सकती है जिससे किसी भी तरह का infection होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा इसमें मौजूद पैराक्रीन घाव को फैलने से बचाता है।
- माेहाली के Institute of Nano Science and Technology के शोधकर्ताओं ने विकसित किया Injectable Gel
- सौरमंडल के बाहर स्थित चंद्रमाओं में जीवन का दावा
- ब्रिटेन के University of Lincoln के शोधार्थियों के मुताबिक अब तक चार हजार एक्सोप्लेनेट की खोज हो चुकी है
- इनमें ऐसे बहुत कम ग्रह हैं जहां जीवन की संभावना व्यक्त की जाती है हालांकि इनके चंद्रमाओं पर पानी की उपस्थिति की आशा की जा रही है
- प्रोफेसर फिल जे सटन के अनुसार एक्सोप्लेनेट का चक्कर लगाने वाले एक्सोमून उस ग्रह के गुरुत्वीय खिंचाव के कारण अंदर से गर्म हो जाते हैं और इससे उनकी सतह से भीतर का पानी खिंचाव से उपरी सतह पर आ जाता है जिससे जीवन की संभावना पनपती है
- Royal Astronomical Society में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने एक्सोप्लेनेट J1407B की परिक्रमा कर रहे चंद्रमा के मौसम का विश्लेषण करके यह संभावना जताई है
- अपने आकार और पृथ्वी से दूरी के कारण इस एक्सोमून का पता लगाना बहुत मुश्किल काम होता है। सौरमंडल के बाहर के ये ग्रह अधिकतर गैसों के होते हैं जिनके आसपास शनि ग्रह के जैसे ही वलय होते हैं
- वैज्ञानिकों ने एक्सोप्लेनेट J1407B का Computer simulation के माध्यम से अध्ययन करके पाया कि इसका वलय शनि के वलय से 200 गुना बड़ा है
- डाटा साइंस के जरिए बीथोवेन का म्यूजिक डिकोड
- जर्मन संगीतकार और पियानो वादक लुडविंग वान बीथोवेन का संगीत पहली बार सांख्यिकीय तकनीक के जरिए डिकोड
- स्विट्जरलैंड के इकोले पॉलिटेक्निक फेडरेल डी लॉजेन (EPFL) के शोधकर्ताओं ने पाया कि उनके संगीत में बहुत कम cord ऐसे हैं जो संगीत को नियंत्रित करते हैं। PLOS one नामक पत्रिका में प्रकाशित यह अध्ययन बीथोवेन स्ट्रिंग क्वांटेंट्स नामक composition पर आधारित है
- दिमाग पर असर डालता है इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल
- World Psychiatry Journal में प्रकाशित अध्ययन में दावा किया गया है कि इंटरनेट हमारी चेतना के एक विशिष्ट दायरे में लगातार और तेज परिवर्तन करता है जो कि मस्तिष्क में बदलाव का कारण बनता है
- WHO की चेतावनी – छोटे बच्चों (2–5 वर्ष की आयु) को दिन में केवल एक घंटे या उससे भी कम स्क्रीन के संपर्क में रहना चाहिए। परिजनों को चाहिए कि वो सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे बहुत समय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर न बिताएं जिससे कि उनकी physical activity और सामाजिक संपर्क बाधित न हो। अभिभावकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर खेलने की बजाय शारीरिक गतिविधियों में ज्यादा भाग लें और जहां तक संभव हो सके, अभिभावक भी उनके साथ खेलें।
साभार– दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 08 जून 2019