- TCS बनी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी
- TCS – Tata Consultancy Services
- बाजार पूंजीकरण (M-Cap) के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ा
- BSE पर TCS का M-Cap 8,37,194.55 करोड़ रुपए पर पहुंच गया जबकि रिलायंस का M-Cap 8,36,024.08 करोड़ रुपए है
- रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले महीने TCS को पीछे छोड़कर देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी थी
- पहले भी दोनों कंपनियों ने M-Cap के मामले में एक–दूसरे को पीछे छोड़ा है
- एक लाख से ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक कण निगल रहे हैं हम
- Environmental Science and Technology Journal में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक भोजन, पानी और सांस के जरिए औसत व्यक्ति हर साल एक लाख से ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक निगल रहा है
- यह शोध दुनिया भर से 26 अध्ययनों का विश्लेषण प्रस्तुत करता है और आम उपभोग्य विश्लेषण सामग्रियों में पाए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक की औसत मात्रा की गणना करता है
- पानी की बोतल – 94.37 प्रति लीटर
- बीयर – 32.27 प्रति लीटर
- वायु – 9.80 प्रति घन मीटर
- नल का पानी – 4.24 प्रति लीटर
- समुद्री खाना – 1.48 प्रति ग्राम
- शुगर – 0.44 प्रति ग्राम
- नमक – 0.11 प्रति ग्राम
- शहद – 0.10 प्रति ग्राम
- इम्यूनोथेरेपी से टल सकती है टाइप – 1 डाइबिटीज
- वैज्ञानिकों के अनुसार इम्यूनाेथेरेपी से टाइप – 1 डाइबिटीज को दो साल या उससे अधिक समय के लिए टाला जा सकता है
- इम्यूनोथेरेपी में इम्यून सिस्टम को सक्रिय या बाधित कर किसी बीमारी का इलाज किया जाता है
- England Journal of Medicine में छपे अध्ययन के अनुसार, इम्यूनोथेरेपी उन लोगों में टाइप–1 डाइबिटीज की वृद्धि को धीमा करने में प्रभावी पाई गई जिनमें इस बीमारी का सबसे ज्यादा जोखिम पाया गया
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन डाइबिटीज ट्रायलनेट ने अपने अध्ययन में एंटी सीडी–3 मोनोक्लोनल एंटीबाडी (टेपलिजुमाब) को लेकर परीक्षण किया था
- परीक्षण के अंतिम दौर में मंगल का हेलिकॉप्टर
- नासा का यह हेलिकॉप्टर इतिहास का पहला हेलिकॉप्टर होगा जाे किसी दूसरे ग्रह में उड़कर सर्वेक्षण करेगा
- यह हेलिकॉप्टर मंगल के हवाई क्षेत्र से उसके वातावरण में होने वाले बदलावों की सूचनाएं पृथ्वी तक पहुंचाएगा
- हेलिकॉप्टर के फ्लाइट मॉडल ने कई महत्वपूर्ण परीक्षण सफलतापूर्वक पास कर लिए हैं और यह मॉडल वास्तव में एक वाहन जैसा है जो मंगल का भ्रमण करेगा
- नासा के मंगल मिशन 2020 में भेजे जाने वाले रोवर के साथ इस हेलिकॉप्टर को जोड़ा जाएगा जो मंगल की सतह पर पहुंचने के बाद रोवर से अलग हो जाएगा
- यह मार्स हेलिकॉप्टर advance technology से लैस है और इसे मंगल तक ले जाने के लिए किसी अन्य वैज्ञानिक उपकरण की जरुरत नहीं पड़ेगी
- इस यान को पृथ्वी से संचालित किया जाएगा तथा इसमें लगे high resolution कैमरे लाल ग्रह के हवाई क्षेत्र से रंगीन तस्वीरें पृथ्वी पर भेजेंगे
- उद्देश्य – मंगल के वातावरण में फ्लाइट उड़ाने की संभावने तलाशने के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं share करना
- इस हेलिकॉप्टर के फरवरी 2021 तक मंगल पर पहुंचने की संभावना है
साभार– दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 11 जून 2019
Woah!!
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Thanks Jyoti 😊
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Welcome Mr. Arun☺️
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