- पश्चिम बंगाल और “कट मनी” का खेल
- चर्चा में क्यों
- लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कट मनी का मुद्दा उठाने के बाद ममता बनर्जी द्वारा अपने नेताओं और जनप्रतिनिधियों को कट मनी लेने से मना करना
- क्या है कट मनी
- सत्ताधारी नेताओं द्वारा स्थानीय क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए स्वीकृत धनराशि से लिया जाने वाला अनौपचारिक कमीशन
- इस कमीशन का निचले स्तर के नेता से लेकर वरिष्ठतम नेता के बीच बंटवारा किया जाता है
- आधिकारिक या नहीं
- यह बिल्कुल भी आधिकारिक नहीं है और आयकर विभाग की नजरों से बचने के लिए आमतौर पर कैश में ही लिया जाता है
- बड़ी परियोजनाओं की लागत ज्यादा होती है तो उनमें कट मनी भी करोड़ों में होती है
- पिछले साल transparency international की रिपोर्ट से पता चला था कि भारत में रिश्वत एक साल में 11 प्रतिशत बढ़ी है जिनमें पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारी सबसे भ्रष्ट सामने आए थे
- पश्चिमी बंगाल में इस मामले की जड़
- यह मामला वाम दलों के शासन से ही चला आ रहा है और विभिन्न स्तरों पर अलग – अलग दलों और संगठनों द्वारा विरोध – प्रदर्शन भी किए जाते रहे हैं
- चर्चा में क्यों
- भारतीय दंड संहिता की धारा 124–ए – देशद्राेह
- इस धारा के तहत उन लोगाें को गिरफ्तार किया जाता है जिन पर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप होता है
- अगर कोई भी व्यक्ति सरकार विरोधी सामग्री लिखता, बोलता या समर्थन करता है तो उस पर इस धारा के तहत मुकदमा चलाया जाता है
- राष्ट्रीय चिह्नों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश, अपने लिखित या मौखिक शब्दाें या फिर चिह्नों या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करने पर इस धारा के तहत कार्रवाई की जाती है
- न्यायालय में दोषसिद्ध होने पर आजीवन कारावास या तीन साल की सजा हो सकती है
- चर्चा में क्यों
- पश्चिमी सिंहभूम सीमा पर खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों पर देशद्रोह की धारा में केस दर्ज करने की अनुमति मिलने के बाद यह धारा एक बार फिर चर्चा में है
- पत्थलगड़ी समर्थकों पर आरोप
- समानांतर सरकार चलाना
- ग्राम सभा की गलत व्याख्या करना
- सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेना
- संविधान की पांचवी अनुसूची की गलत व्याख्या कर ग्राम सभा को सरकार के विरुद्ध भड़काना
- गांवों में पत्थलगड़ी कर उक्त क्षेत्रों में पुलिस–प्रशासन को जाने से रोकना
- पत्थलगड़ी की आड़ में अफीम की खेती और नक्सल को मदद करना
- अपना सिक्का चलाना तथा अपना बैंक खोलने की कोशिश करना
- सरकार तथा सरकारी अधिकारी के कानूनन आदेश– निर्देश को नहीं मानना
- विधि–व्यवस्था को अपने हाथ में लेना
- इस धारा के तहत उन लोगाें को गिरफ्तार किया जाता है जिन पर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप होता है
- ट्रेड वार के बहाने भारत के बाजार पर अमेरिका की निगाह
- इस मामले की पृष्ठभूमि पर कल के अंक में चर्चा की जा चुकी है (पढें 28 जून 2019 की सामयिकी)। आज के अंक में हम इसके कारणों पर चर्चा करेंगे
- जापान – कोरिया से बहुत कम है भारत का शुल्क
- अमेरिका भारत पर शुल्क दरों में ज्यादा वृद्धि का आरोप लगाता रहा है जबकि अन्य देशों के मुकाबले भारत का शुल्क बहुत कम है
- उदाहरणार्थ एल्कोहल पर भारत 150 प्रतिशत आयात शुल्क लेता है जबकि जापान का शुल्क 736 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया 850 प्रतिशत और अमेरिका खुद 350 प्रतिशत तक शुल्क वसूलता है
- भारत ने स्पष्ट किया है कि उसका शुल्क विश्व व्यापार संगठन के मानकों से भी कम है
- अमेरिका भारत पर शुल्क दरों में ज्यादा वृद्धि का आरोप लगाता रहा है जबकि अन्य देशों के मुकाबले भारत का शुल्क बहुत कम है
- मात्रा के मामले में आयात शुल्क और भी कम
- औसत शुल्क दरों के मामले में अमेरिका (3.4%) और चीन (9.8%) की तुलना में भारत (13.8%) का शुल्क अधिक है किंतु व्यापार की गई वस्तुओं की मात्रा के मामले में भारत (7.6%) की दर ब्राजील (10.3%) और दक्षिण कोरिया (9%) जैसे देशों की तुलना में बहुत कम है
- चीन से अमेरिका को ज्यादा नुकसान
- भारत के बढ़ाए गए शुल्क के एवज में अमेरिका को 24 करोड़ डॉलर अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे जबकि चीन ने 110 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों के व्यापार को प्रभावित किया है
- अमेरिकी कंपनियां भी भारत के बड़े बाजार को देखते हुए यहां प्रवेश पाने की कोशिश में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप दबाव बनाकर भारत के साथ व्यापार संतुलन को अमेरिका के और अधिक पक्ष में करने का कोशिश में हैं
- फसाद की जड़
- भारत ने गत फरवरी में विदेशी निवेशकों के लिए ई–कॉमर्स की नीति में बदलाव किया है जिसके तहत विदेशी कंपनियों को उनके डाटा को देश के भीतर ही रखने का नियम है। यह बात अमेरिकी कंपनियों को नागवार गुजर रही है और दोनों देशों के बीच मतभेद का यह एक बड़ा कारण है
- तकनीक के इस्तेमाल पर 5 आई की अवधारणा
- जी–20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत
- सामाजिक कल्याण में डिजिटल तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल हेतु
- क्या है 5 आई
- Inclusiveness (समग्रता)
- Indigenisation (स्वदेशीकरण)
- Innovation (नवाचार)
- Investment in Infrastructure (अवसंरचना में निवेश)
- International Cooperation (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग)
- इस अवधारणा के समर्थन में उन्होंने Direct Benefit Transfer तथा जन धन योजना का उदाहरण दिया जिसके जरिए 12 करोड़ लोगों को सीधा लाभ पहुंचाया गया
- 91 साल बाद दिखा Sacred लंगूर
- हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में
- सबसे पहले वर्ष 1928 में चंबा में इस लंगूर की उपस्थिति का पता चला था
- ब्रिटिश ऑर्कियोलॉजिस्ट रेजिनाल्ड पारी पोकॉक ने चंबा के चुराह क्षेत्र की यात्रा के दौरान जसौरगढ़ के दियोला में इसे देखा था
- तब से लेकर 2012 तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई
- वर्ष 2012 में Wildlife Information Liaison Development नामक संस्था ने हिमालयन लंगूर प्रोजेक्ट आरंभ किया
- उनके शोध के अनुसार लंगूर की गउला प्रजाति विश्व में केवल चंबा में ही पाई जाती है
- यह प्रजाति लुप्तप्राय श्रेणी में है
- 244 स्थानों पर की गई तलाश में 124 स्थानों पर ये पाए गए थे
- चंबा जिले के 500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ये लंगूर पाए गए थे
- इनका मुख्य आहार फल, बीज, फूल, जड़ें, छाल और कलियां इत्यादि हैं
- चंबा ग्रे लंगूर के नाम से इन्हें विश्व पटल पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 29 जून 2019
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