- रुस के साथ एंटी टैंक मिसाइल का सौदा
- स्ट्रम अटाका मिसाइल
- अमेरिकी दबाव को न मानते हुए किया 200 करोड़ रुपए का सौदा
- रुसी कंपनी को तीन महीने के अंदर आपूर्ति करनी होगी
- अपर्णा कुमार – सेवन समिट फतह करने वाली पहली महिला आइपीएस
- भारत तिब्बत सीमा पुलिस में डीआईजी के पद पर तैनात यूपी कैडर की आइपीएस अधिकारी
- दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराने वाली पहली महिला वर्दीधारी
- फतह की गई चोटियां –
- माउंट एवरेस्ट (एशिया)
- माउंट किलिमंजारो (तंजानिया, अफ्रीका)
- माउंट एल्ब्रस (यूरोप)
- कार्सटेंस पिरामिड (इंडोनेशिया)
- विन्सन मैसिफ (अंटार्कटिका)
- माउंट एकांकागुआ (दक्षिणी अमेरिका)
- माउंट डेनाली (अलास्का)
- Viability Gap Funding की अवधारणा
- सरकार द्वारा किसी ढांचागत परियोजना को व्यावसायिक रुप से व्यवहारिक बनाने के लिए उपलब्ध कराई गई वित्तीय मदद
- लंबी अवधि में पूरा होने वाली इन परियोजनाओं की लागत भी बहुत ज्यादा होती है जिसे वसूलने में कंपनियों को एक लंबा वक्त लग जाता है। अपनी लागत वसूलने के लिए कंपनियां आमतौर पर एक निश्चित मात्रा में user fee वसूलती हैं। user fee के ज्यादा होने पर उन्हें ग्राहकों की बेरुखी का सामना करना पड़ता है तो वहीं दूसरी तरफ user fee के कम होने से उनके लिए लागत को वसूल पाना कठिन हो जाता है। इन्हीं समस्याओं से निपटने के उद्देश्य से तथा परियोजनाओं को व्यावसायिक रुप से व्यवहारिक बनाने के लिए सरकार द्वारा VGF योजना शुरु की गई है
- 25 जुलाई 2005 को PPP model की परियोजनाओं के लिए VGF को सरकार द्वारा मंजूरी
- Central Sector Scheme के तहत चलने वाली इस योजना के लिए परियोजनाओं का चयन एवं VGF का तरीका (एकमुश्त या किश्तों में) तय करने के लिए एक अधिकारप्राप्त समिति काम करती है
- आमतौर पर कुल लागत के 20 प्रतिशत के बराबर VGF दिया जाता है तथा यह राज्य सरकार की परियोजनाओं पर भी लागू है
- VGF परियोजना निर्माण के दौरान Capital Grant के रुप में दिया जाता है
- VGF के लिए सरकार द्वारा बजट में धन आवंटन किया जाता है
- Demilitarized zone
- उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया को विभाजित करने वाला 250 किमी लंबा और लगभग 4 किमी चौड़ा असैन्यकृत इलाका
- इस इलाके के बफर जोन के रुप में काम करने के लिए कोरियाई आर्मिस्टिस समझौते के तहत प्रावधान
- 1953 में कोरियाई युद्ध समाप्त होने के पश्चात उत्तर कोरिया, चीन और संयुक्त राष्ट्र के बीच समझौते के बाद निर्माण
- कहने काे तो यह इलाका असैन्यकृत क्षेत्र है किंतु इसके दोनों तरफ दोनों ही देशों की सेनाओं का भारी जमावड़ा रहता है। यहां कंटीले तारों के अलावा बारुदी सुरंगें भी बिछाई गई हैं। निगरानी के लिए कैमरों के साथ साथ टैंकों की भी भारी तैनाती की गई है
- इस इलाके के भीतर भारी हथियारों पर प्रतिबंध है। गश्त की अनुमति है लेकिन MDL (सैन्य सीमांकन रेखा) को पार नहीं किया जा सकता। दोनों तरफ से 1000 से अधिक लोगों को किसी भी समय क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाती है। यह इलाका खदानों से भी घिरा हुआ है
- इसके अंदर संयुक्त सुरक्षा क्षेत्र में पनमुनजोम नामक गांव बसा हुआ है जिसे देखने के लिए हर साल हजारों लोग दौरा करने आते हैं। इस स्थान पर दोनों देशों के सैनिक कुछ ही फीट की दूरी पर आमने सामने खड़े रहते हैं
- यह क्षेत्र दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल से 60 किमी और उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से 210 किमी दूर है
- अमेरिका के एक पूर्व राष्ट्रपति ने इस क्षेत्र को दुनिया की सबसे खतरनाक जगह बताया था तथा 2002 में जाॅर्ज डब्ल्यू बुश ने इसे बुराई की धुरी कहा था
- व्यावसायिक रुप से व्हेल का शिकार करने के लिए IWC से हटा जापान
- IWC – International Whaling Commission
- व्हेल के संरक्षण के लिए स्थापित
- जापान 1951 से इसका सदस्य था
- 1982 में IWC ने व्हेल के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसे हटवाने के लिए जापान लगातार प्रयासरत था
- IWC की सदस्यता छोड़ने के बाद जापान व्हेल का व्यावसायिक स्तर पर शिकार शुरु कर सकता है हालांकि अभी भी उसे अपने समुद्री क्षेत्र के बाहर व्हेल का शिकार करने की अनुमति नहीं होगी
- वैज्ञानिकों ने पहली बार खोजी रेडियो वेव्स की सटीक स्थिति
- ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने शक्तिशाली कॉस्मिक वेव्स की उत्पत्ति का सटीक निर्धारण करने में सफलता प्राप्त की है
- यह खोज Commonwealth Scientific and Industrial Research Organisation के Australian Square Kilometer and Pathfinder Radio Telescope से की गई है
- इसके लिए एक high resolution नक्शा बनाया गया जिसमें दिखाया गया कि एक Radio Wave की उत्पत्ति लगभग 3.6 अरब प्रकाश वर्ष दूर एक मिल्की वे बाहरी इलाके में हुई
- इन तरंगों के एक बड़े रेडियो एंटीना के जरिए पकड़ा जाता है और फिर उन पर अनुसंधान किया जाता है। इस रेडियो एंटीना को रेडियो दूरबीन कहा जाता है। इन दूरबीनों का आकार बहुत बड़ा होता है और इसीलिए इन्हें शहर से दूर रेगिस्तानों और पहाड़ों पर स्थापित किया जाता है
- क्या हैं रेडियो वेव्स –
- वे विद्युत चुंबकीय तरंगें जिनका तरंग दैर्ध्य 10 सेमी से 100 किमी के बीच होता है
- ये मानव निर्मित भी होती हैं और प्राकृतिक भी
- इन्हें इंद्रियों द्वारा नहीं पहचाना जा सकता और इन्हें पकड़ने के लिए तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया जाता है
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 1 जुलाई 2019
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