- आर्थिक सर्वेक्षण 2018 – 19
- चूंकि यह एक वृहद दस्तावेज है इसलिए आज हमने इस दस्तावेज में विभिन्न स्रोतों के लिंक को सम्मिलित किया है जिससे आपको आर्थिक समीक्षा 2018 – 19 के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके। इस सूचना के तहत हमने मुख्य रुप से पत्र सूचना कार्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित आंकड़ों को सम्मिलित किया है जिससे सूचना की प्रमाणिकता के विषय में शक की गुंजाइश न रहे और आप उसका प्रयोग आगामी परीक्षाओं के प्रश्नों को हल करने में बेझिझक कर सकें। इस क्रम में हमने आर्थिक समीक्षा की मुख्य विशेषताओं के साथ – साथ इसके मूल दस्तावेज को भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है जिससे विस्तृत अध्ययन के आकांक्षी साथी लाभ उठा सकें।
- आरक्षण के उम्र संबंधी उपबंध पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
- चयन प्रक्रिया में उम्र संबंधी छूट लेने वाला आरक्षित श्रेणी का अभ्यर्थी बाद के चरण में सामान्य की सीट पर स्थानांतरित करने का दावा नहीं कर सकता है
- जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने गुजरात सरकार के इस तर्क को मान्यता दे दी जिसमें सरकार ने कहा था कि जब लिखित परीक्षा में प्रयासों की संख्या, आयु सीमा, अनुभव, योग्यता आदि में आरक्षित श्रेणी के किसी उम्मीदवार के चयन में किसी भी छूट का मानक लागू होता है तो इस प्रकार चयनित अभ्यर्थी पर केवल आरक्षित श्रेणी के तहत ही विचार किया जा सकता है और वह अभ्यर्थी सामान्य श्रेणी की किसी सीट पर चयन हेतु अनुपलब्ध है
- नीरज कुमार दिलीपभाई मकवाना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
- संविधान का अनुच्छेद 16(4) सरकार को ऐसे किसी भी पिछड़े वर्ग को नियुक्तियों में आरक्षण देने की शक्ति प्रदान करता है जिनका उसकी राय में सरकारी सेवा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है
- चयन प्रक्रिया में उम्र संबंधी छूट लेने वाला आरक्षित श्रेणी का अभ्यर्थी बाद के चरण में सामान्य की सीट पर स्थानांतरित करने का दावा नहीं कर सकता है
- दुबई में स्वीकार भारतीय रुपया
- दुबई के सभी हवाई अड्डों पर अब भारतीय मुद्रा में लेनदेन संभव
- गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के तीनों टर्मिनलों और अल मख्तूम हवाई अड्डे पर भारतीय मुद्रा स्वीकार की जाएगी
- पिछले साल दुबई एयरपोर्ट से गुजरने वाले नौ करोड़ यात्रियों में से 1.22 करोड़ भारतीय यात्री थे
- भारतीय यात्रियों को पहले दुबई की ड्यूटी फ्री दुकानों से कोई भी सामान खरीदने से पहले रुपए को डॉलर, दरहम या यूरो में बदलना पड़ता था जिसकी वजह से उन्हें विनिमय दरों के कारण एक बड़ी राशि गंवानी पड़ती थी
- दुबई में ड्यूटी फ्री दुकानों पर स्वीकार की जाने वाली 16वीं मुद्रा बना भारतीय रुपया
- दुबई के सभी हवाई अड्डों पर अब भारतीय मुद्रा में लेनदेन संभव
- समलैंगिकों की अपने बच्चे की इच्छा
- एस एन मेडिकल कॉलेज आगरा के Social Preventive Medicine विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक भारत में भी समलैंगिक दंपत्ति बच्चा गोंद लेने या सरोगेसी के जरिए बच्चा पाने की इच्छा रखते हैं
- इस अध्ययन को 10 से 12 जुलाई तक कुआलालमपुर में आयोजित होने वाली पांचवी International Conference on Public Health 2019 में प्रस्तुत किया जाएगा
- 2018 में समलैंगिक विवाह को मान्यता मिलने के बाद इस समुदाय की सोच में बड़ा बदलाव नजर आया है और वो ये भी चाहते हैं कि समाज का नजरिया भी उनके प्रति बदले। इसके लिए यह आवश्यक है कि उन्हें भी परिवार के साथ जीने का हक मिले लेकिन यह तभी संभव है जब उन्हें बच्चा गोंद लेने या सरोगेसी के जरिए बच्चा पाने की अनुमति दे दी जाए
- सरोगेसी पर वर्तमान कानून के मुताबिक समलैंगिक और सिंगल मेल पैरेंट्स सरोगेसी नहीं करा सकते हालांकि सिंगल फीमेल पैरेंट्स को इस मामले में छूट दी गई है। इसके अलावा समलैंगिकों को बच्चा गोंद लेने की भी अनुमति नहीं है
- एस एन मेडिकल कॉलेज आगरा के Social Preventive Medicine विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक भारत में भी समलैंगिक दंपत्ति बच्चा गोंद लेने या सरोगेसी के जरिए बच्चा पाने की इच्छा रखते हैं
- 5 जी नेटवर्क और स्वास्थ्य पर प्रभाव
- दुनिया भर में इंटरनेट की बढ़ती मांग के बीच 4 जी नेटवर्क अब ओवरलोडिंग का शिकार बनता जा रहा है जिससे निपटने के लिए दुनिया भर में 5 जी नेटवर्क के प्रसार की तैयारियां तेज हो गई हैं
- विशेषज्ञों के अनुसार इसके प्रसार से हमारे रहन–सहन और तौर–तरीकों में नाटकीय बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही इन नेटवर्क के प्रसार होने से Radio frequency radiation के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभावों के बारे में भी चिंता व्यक्त की जा रही है
- हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते मोबाइल टावरों और रेडिएशन के बीच जब तक नियामक प्राधिकरणों द्वारा तय सुरक्षा मानकों का पालन होता रहेगा तब तक रेडियोफ्रीक्वेंसी से डरने की जरुरत नहीं है
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार RF के परिक्षेत्र में आने से शरीर का तापमान मामूली तौर पर बढ़ता जरुर है लेकिन यह इतना अधिक नहीं होता कि लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा असर डाल सके
- फोर्टिस अस्पताल नोयडा के कार्डियक सर्जरी विभाग के अतिरिक्त निदेशक वैभव मिश्रा के अनुसार रेडिएशन यानी विकिरण शब्द भ्रम के साथ – साथ भय और गलतफहमी भी पैदा करता है।
- विकिरण दो प्रकार का होता है –
- आयनीकृत
- गैर–आयनीकृत
- मोबाइल उपकरणों से निकलने वाला विकिरण गैर–आयनीकृत होता है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध नहीं हुआ है हालांकि आयनीकृत विकिरण से सावधान रहने की जरुरत है
- उदाहरण के लिए सूर्य द्वारा उत्सर्जित पराबैंगनी किरणें प्रकृति में आयनीकरण का कारण बन सकती हैं जिससे हमारी कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंच सकता है
- विकिरण दो प्रकार का होता है –
- नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के तरुण साहनी के अनुसार ECG, Pacemaker, ultrasound जैसे कई उपकरणों में उच्च स्तर की रेडियो तरंगों का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा स्मार्टफाेन में भी इनका प्रयोग होता है लेकिन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में अभी तक पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं हैं
- हालांकि उन्होंने आगाह किया है किसी भी वस्तु के बहुत ज्यादा उपयोग से स्वास्थ्य पर छोटा या बड़ा असर पड़ता ही है
- Fingerprinting – Tracking का नया concept
- Fingerprinting – यूजर डाटा में सेंध लगाने की नई कोशिश का नाम
- जैसे इंसान के Fingerprint से उसकी पहचान आसान हो जाती है उसी प्रकार डिजिटल फिंगरप्रिंट से यूजर की पहचान सरल हो जाती है
- इसकी मदद से कुछ एप और वेबसाइट यूजर की गतिविधियों को ट्रैक करती हैं और उसके हिसाब से विज्ञापन देती हैं
- User Privacy पर बड़ी कंपनियों की सख्ती ने विज्ञापन कंपनियों को tracking का दूसरा तरीका अपनाने पर मजबूर कर दिया और उसी तरीके की देन है – Fingerprinting
- डाटा देने की मजबूरी और Fingerprinting का connection –
- किसी भी एप या वेबसाइट को खोलने पर वह आपसे आपकी डिवाइस के बारे में कुछ जानकारियां मांगती है जिसमें आमतौर पर operating system, android version और हार्डवेयर से जुड़ी जानकारियां होती हैं। चूंकि उस एप या वेबसाइट के सुचारु रुप से काम करने के लिए वह डाटा शेयर करना यूजर की मजबूरी होती है और यह मजबूरी ही Fingerprinting के लिए जमीन तैयार करती है।
- इस प्रकार जुटाए गए डाटा से कंपनियां यूजर के वेब और एप के इस्तेमाल पर नजर रखती हैं और लंबे समय तक की गई ऐसी ट्रैकिंग के जरिए यूजर की आदतों और गतिविधियों के बारे में बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है तथा उसकी एक पूरी की पूरी प्रोफाइल तैयार की जा सकती है
- वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में इस प्रोफाइल को यूजर की पहचान के मामले में 99 प्रतिशत तक कारगर पाया है
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 5 जुलाई 2019 एवं पत्र सूचना कार्यालय वेबसाइट
आज के अंक से संबंधित पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें – सामयिकी – 5 जुलाई 2019