दुश्मन के खट्टे दांत किए, सीने पर गोली खाई थी
चढ़ गए बलि पर भारत के दामन पर आंच न अाई थी
घुसपैठ की चाल चली उसने, शांति के पुराने नारों पर
हर चाल बेहाल किया हमने, खम ठोक जवाबी प्रहारों पर
है शांति हमें प्यारी सबसे, उसने कमजोरी मान लिया
भुला वो पुरानी हारों को, एक बार पुनः एक रार लिया
खाई जब धूल बरफ के संग, संयुक्त राष्ट्र फिर याद किया
था गिरा पुनः घुटनों के बल, भारत वीरों ने जब वार किया
कारगिल की बर्फ रंगीन हुई, नापाक इरादे खेत रहे
घुसपैठ के प्यादे उल्टे पैर, आकाओं के पल्लू में छिपे
भारत की सनातन परिपाटी एक बार पुनः साकार रही
गर जाए प्राण तो भी क्या ग़म, जननी की शान साकार रही
एक युग बीता हम बीस साल की बात पुनः दोहराते हैं
है वीर खून, उन वीरों के बच्चे अब रण में जाते हैं
है नमन तुझे भारत माता, है मां तू वीर सपूतों की
है नमन अमर बलिदानी को, जिसने माता की लाज रखी
है नमन देश के सैनिक को, जिसने रण में अंगदान किया
जीवन भर एक अपाहिज का जीवन सहर्ष स्वीकार किया
है नमन प्रत्येक कुटुंबी को जिसके घर वीर का जन्म हुआ
है नमन देश की मिट्टी को, जिस पर वीरों ने जन्म लिया
कारगिल विजय की 20 वीं वर्षगांठ पर अमर शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र का शत शत नमन।
उन शहीदों को मैं प्रणाम करती हूँ।
उन देशभक्तों के त्याग किसी से भी अतुलित है।
🙏🙏🇮🇳🇮🇳
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🙏
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🙏🙏🙏
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बढ़िया ब्लॉग !
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धन्यवाद
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Jai Indian Army
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जय हिन्द
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🇮🇳🇮🇳
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💐🙏
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