- वेटलैंड्स और बाढ़ का खतरा
- 2014 में कश्मीर में अाई भीषण बाढ़ का सबसे बड़ा कारण वेटलैंड्स पर कंक्रीट के जंगलों का बेतहाशा निर्माण ही था
- कश्मीर विश्वविद्यालय के एक शोध के अनुसार श्रीनगर के बाहरी इलाके के नरकारा वेटलैंड के 37.12 प्रतिशत क्षेत्र में निर्माण हो चुका है
- वेटलैंड्स का सबसे बड़ा फायदा यह था कि बारिश का अधिकांश पानी इन प्राकृतिक जलाशयों में समा जाता था लेकिन 1980 के बाद श्रीनगर के बाहरी इलाकों में बढ़ते शहरीकरण ने इन वेटलैंड्स के साथ साथ बाढ़ की समस्या को भी बढ़ा दिया है
- 3 डी प्रिंटेड हृदय बनाने के करीब इंसान
- नई तकनीक freeform reversible embedding of suspended hydrogel के प्रयोग से कोई भी इंसान कोलेजन प्रोटीन से उत्तक का 3 डी बायोप्रिंट बना सकता है। यह प्रोटीन मानवीय शरीर की संरचना के लिए महत्वपूर्ण होता है
- इस तकनीक से प्रिंट किए गए 3 डी अंग असली अंगों जैसे ही होंगे और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में मददगार साबित होंगे
- मानव शरीर का प्रत्येक अंग विशेष कोशिकाओं से बना होता है जो कोलेजन, एंजाइम और ग्लाइकोप्रोटीन के नेटवर्क से बने एक्स्ट्रा मैट्रिक्स से जुड़ा होता है। ये कोशिका को अपना सामान्य कार्य करने के लिए आवश्यक संरचनात्मक मजबूती प्रदान करते हैं।
- फ्रेश तकनीक में कोलेजन के साथ विशेष प्रकार के जेल का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे आम तौर पर तरल रूप में रहने वाला कोलेजन अपनी जगह पर जम जाएगा।
- एक बार प्रिंट तैयार हो जाने पर कमरे या शरीर के तापमान के बराबर तापमान देकर इस जेल को पिघलाया जा सकेगा और इससे प्रिंट को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
- इससे पहले इजरायल के वैज्ञानिक 3 डी प्रिंटेड हृदय बनाने में सफलता प्राप्त कर चुके हैं लेकिन उस वास्तविकता में नहीं लाया जा सका है
- तेल अवीव विश्वविद्यालय द्वारा विकसित इस हृदय का आकार बहुत छोटा है और यह एक खरगोश के हृदय के बराबर आकार का है। हालांकि वैज्ञानिकों का दावा है कि यह हृदय पूरी तरह काम करता है।
- महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत शासन अधिनयम 1935 को मंजूरी
- 4 अगस्त 1935 को ब्रिटिश क्राउन की मंजूरी मिली
- इस अधिनियम में भारत को एक संघ बनाने और भारतीयों को केंद्रीय विधायिका के दोनों सदनों में अधिक प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान था
- पहले परमाणु रिएक्टर अप्सरा की शुरुवात
- 4 अगस्त 1956 को मुंबई के ट्राम्बे में
- अधिकतम क्षमता – 2 मेगावाट
- ब्रिटेन की मदद से तैयार किया गया था
- एशिया का सबसे पुराना परमाणु रिएक्टर
- भारत शासन अधिनयम 1935 को मंजूरी
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 4 अगस्त 2019