ग़म की सूरत भी जिनकी नजर में नहीं
सोचते हैं कि इतना क्यों हंसता हूं मैं
जिनको भावों की दिल के कदर ही नहीं
सोचते हैं कि इतना क्यों सस्ता हूं मैं
जिनकी नजरें हमेशा टिकी कोण पर
सोचते हैं कि टेढ़ा क्यों चलता हूं मैं
है खबर जिनको मेरे सफर की नहीं
सोचते हैं क्यों हालत का खस्ता हूं मैं
राह के कंटकों से कुसुम चुन लिया
खंजरों की अदा से बरास्ता हूं मैं
हर नज़र की जहर से सुधा चुन लिया
इसलिए आज हर पल में हंसता हूं मैं
© अरुण अर्पण
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Image credit – Pixabay
Hi Arun, hope you doing great.
I nominated you for Sunshine blogger award. Plz do check the link below
https://happinessinn.blog/2019/11/13/sunshine-blogger-award-%f0%9f%8c%bb/
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Thanks for Nomination sister
I’ll get back with responses very soon
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It was my pleasure nominating you Arun 🌻😊
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🙏😊
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बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ। आप वाकई एक कुशल कवि हैं.
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