
मैं आधुनिक युग की शायद न लगूँ, क्योंकि मुझे पसंद है माथे पर बिंदी और बोली में हिंदी, मुझे मेरे पोशाक से गंवार न समझना।मैं गाँव से हूँ 22वीं सदी भी जानती हूँ, लेकिन मैं गाँव से हूँ।ये मेरे लिए सम्मान होगा कम से कम मेरे जरिये ही सही तुम गाँव को देखोगे।दिखावा, आधुनिकता झूठे आडम्बर से भरे लोगों के बीच तुम मुझे 18वीं सदी का ही समझना…..
