एक बार ही सही पर मुझसे मिलने तो आओ
दिल तोड़ने का ही गर इरादा है दिल तोड़ने ही आओ,
एक बार ही सही मेरे साथ बारिश में भींग तो जाओ
नही चाहिए सावन का झूला पतझड़ की आंधी ही लाओ
एक बार ही सही मेरी आँखों के काज़ल बन जाओ
नही चाहिये सोलह श्रृंगार अपने नफ़रत के काँटो से ही सजाओ
एक बार ही सही सुने दिल के कूचे में दस्तक़ दे जाओ
नहीं देखना तुम मुझे मेरे तरसती निगाह को ठंडक पहुंचाओ
एक बार ही सही इस अजनबी को अपना तो बनाओ
नहीं देना मंज़िल तक साथ सफ़र में हमराही बन जाओ