बेपरवाह लड़की हूँ
हवाओ सी बहती हूँ
पतंग सी उडती हूँ
कलियों सी खिलती हूँ
बेगानी सी लड़की हूँ।
न डर किसी से न फिक्र किसी की
बेपरवाह,मनमौजी सी फिरती हूँ
ना कोई समझ पाया मुझे
मैं दीवानी सी लड़की हूँ ।
न प्यार में रोना, न देर से सोना,
न ग़म में पड़ना ,न अश्को में भिगोना
जुल्म के हर मोड़ पे लड़ती हूँ
मैं परवानी सी एक लड़की हूँ।
बिखरेंगे अरमानों की मुस्कान हम,
भरेंगे खुशियों की उड़ान हम,
चट्टानों से नही डरती हूं
मैं अनजानी सी लड़की हूं।
चल कही खो जाये फिज़ाओ में
करेंगे आशिक़ाना हवाओं में
बादलो में सजती सवंरती हूँ
मैं मस्तानी सी एक लड़की हूं