सो जा मेरे नैना रे,
सोने दो ऐ अन्धियारे
सताओ ना मुझे तुम रातों में
जगाओ ना अपनी बातों में
धीरे धीरे आजा तू
निंदिया मुझे सुलाजा तू
बड़ी बड़ी पलकों को मेरी
झपकी में डूबा जा तू
देखो सोई है काली राते
चाँद ने लोरी गाई है
नन्हे नन्हे पावँ से चलकर
नींद चुराकर लायी है
प्यारी प्यारी रातों में
जुगनू उड़ते रहते है
आकर मेरी कानों में
सपनों की बातें करते हैं
जग सारा सोया है
नींद में सब खोये है
तू भी आजा मेरे पास
रात ने नींद को बोये है
आजा रे निंदिया रे
सूजी सूजी आँखो में
देखो रात भी ढल गयी
इधर उधर की बातों में
सुला दो अपनी गोद में
एक मीठा मीठा ख़्वाब दे दो
सपनों में तारों का घर और
आँखो को बाब दे दो