शायरी शायरी – 41 15 Mar 2020 सच्चाई है कि उम्मीद अगले पल की भी नहींऔर वो कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है © Arun अर्पण
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 21 22 Feb 201922 Feb 2019 सड़क सुरक्षा - जिम्मेदार कौन सच कहूं तो आज समझ में ही नहीं आ रहा कि क्या लिखूं और किस मुद्दे पर लिखूं। ऐसा नहीं है कि मेरे पास लिखने…
शायरी शायरी – 21 21 Feb 2019 जीवन भर परिवार और समाज की उम्मीदों को उठाने वाले लोग जब चौथेपन की तरफ बढ़ते हैं तो अक्सर ही उन्हें रेगिस्तान के सूखे पेड़ की तरह उनके हाल पर…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 20 16 Feb 2019 एहसासों का "आलिंगन" दुनिया का सब सुख फीका है, सब कुछ होता लघुप्राय जहां जो जननी का ही आंचल है, पाया सबने था प्राण जहां ढोती नौ मास, सहे हर…
शायरी शायरी – 19 13 Feb 201913 Feb 2019 दुनिया में लगातार पनप रहे अविश्वास और अनवरत जारी विश्वासघात के दौरे नजर पेश हैं चंद पंक्तियां :- खुले ज़ख्मों को मरहम की, नजर देते नहीं हैं अब रगड़ते हैं…
शायरी शायरी – 18 9 Feb 201911 Feb 2019 भाई, कल तो कल्लू की प्रेम लीला का जनाजा निकल गया था (पढ़ें काव्य श्रृंखला - 18) लेकिन उसके भतीजे लंपट की अलग ही चिंता है। आज हर जगह चॉकलेट…
Photography Photography Series – 16 3 Feb 201911 Feb 2019 ऊंचाई का विश्वास जब कोई पंछी ऊंची उड़ान भरता है तो उसके सबसे बड़े साथी उसकी खुद की हिम्मत और अपनी क्षमता पर अटूट विश्वास ही होते हैं। लक्ष्य बड़ा…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 कहीं एक पंक्ति पढ़ा था, "कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई।" पंक्ति क्या, एक पूरी कविता ही थी जिसकी अंतिम पंक्ति है, "मैं जिंदगी हूँ पगले, तुझे जीना सिखा…
शायरी शायरी – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 रहगुजर में मिल ही जाता है एक हमसफ़र फर्क बस ये है कि तुमने खुद के लिए क्या चुना
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 16 1 Feb 201911 Feb 2019 वफा की एक अदा अनेकों बार हमारे जीवन में ऐसे मौके आते हैं जब हम किसी व्यक्ति को दिल से चाहते या इज्जत करते हैं लेकिन उस व्यक्ति को हमारी…
शायरी शायरी – 14 27 Jan 201930 Mar 2019 हमराह मिला न सफ़र में कोई ना जाने क्या रुसवाई है कल देखोगे मेरे संग काफिला भले आज बहुत तन्हाई है
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 14 26 Jan 201910 Jun 2022 गणतंत्र दिवस और मेरा देश जब नींद खुली अल सुबह आज, तब देखा एक नया प्रभात सारे चेहरे खुशहाल दिखे, तब सोच में पड़ गया क्या है आज लड़ते, भिड़ते,…