कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 27 25 Apr 2019 चले जब छोड़ तेरा घर बहुत बेचैन था उस दिन, था छोड़ा जब तेरा वो दर हुआ महसूस तब उस दिन, वो दुनिया थी न मेरा घर मिली कीमत जो…