कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 67 1 Jan 20221 Jan 2022 अजी सुनते हो हैलो जी, हैलो जी; मेरी भी सुनो जी 📢पते की कहूं बात सुनकर गुनो जी 🎷 मिले थे हरिश्चंद्र, मदिरा के मद में 🥂मगर पत्नी को व्यस्तता…
शायरी शायरी – 54 19 Oct 202120 Oct 2021 खट खट खटनी खटिया खटीखटके जब खटा शरीरखट खट खटके तब तात कीखटके अब खटा कुटीर © Arun अर्पण
बातें - मेरी और आपकी बातें – मेरी और आपकी – 30 17 Oct 202117 Oct 2021 (Alert) New YouTube Video Hello friends I've just posted a new video on YouTube Please visit the link provided below. Watch the video completely and provide your valuable suggestions through…
शायरी शायरी – 53 2 Jul 2021 इस रूखसती के दौर का मलाल क्या करतेजमाने की जफ़ाओं पर बवाल क्या करतेचल पड़ा रुसवाइयों का दौर कुछ इस कदरसब खुद ही एक सवाल थे, सवाल क्या करते ©…
शायरी शायरी – 52 18 Jun 2021 जुबां पे मोहब्बत, दिल में कटार लिए फिरते हैंझूठ से सराबोर, यह कैसा प्यार लिए फिरते हैं © Arun अर्पण
शायरी शायरी – 31 27 Jul 201927 Jul 2019 कुछ खट्टे मीठे यादों की, बारिश हो दिलों में प्यार भरी तुम मेरी सुनो, मैं तेरी सुनूं, और गरम चाय हो रंग भरी तुलसी जैसी गुणवान, मधुर, हर एक एहसास…
शायरी शायरी – 20 17 Feb 2019 हर पल बदलती दुनिया में हो रहे नित नए अनुभवों और मजबूरी की मुस्कान के पीछे दर्द की उपस्थिति। आखिर कौन सी दुनिया में जी रहे हैं हम सब? पेश…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 20 16 Feb 2019 एहसासों का "आलिंगन" दुनिया का सब सुख फीका है, सब कुछ होता लघुप्राय जहां जो जननी का ही आंचल है, पाया सबने था प्राण जहां ढोती नौ मास, सहे हर…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 18 10 Feb 201911 Feb 2019 ये कैसा प्रेम आज मैं एक ऐसे विषय के साथ उपस्थित हुआ हूं जो आप सबने अपने जीवन में कहीं न कहीं महसूस जरूर किया होगा। आजकल प्रेमिजनों के प्रेम…
शायरी शायरी – 18 9 Feb 201911 Feb 2019 भाई, कल तो कल्लू की प्रेम लीला का जनाजा निकल गया था (पढ़ें काव्य श्रृंखला - 18) लेकिन उसके भतीजे लंपट की अलग ही चिंता है। आज हर जगह चॉकलेट…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 18 8 Feb 201911 Feb 2019 प्रोपोज डे और कल्लू का दर्द चहुं ओर लालिमा सूरज की, भई भोर और मैं हुआ विभोर होके निवृत्त नित कामों से, मैं निकल पड़ा ऑफिस की ओर कुछ दूर…
Photography Photography Series – 16 3 Feb 201911 Feb 2019 ऊंचाई का विश्वास जब कोई पंछी ऊंची उड़ान भरता है तो उसके सबसे बड़े साथी उसकी खुद की हिम्मत और अपनी क्षमता पर अटूट विश्वास ही होते हैं। लक्ष्य बड़ा…