शायरी शायरी – 18 9 Feb 201911 Feb 2019 भाई, कल तो कल्लू की प्रेम लीला का जनाजा निकल गया था (पढ़ें काव्य श्रृंखला - 18) लेकिन उसके भतीजे लंपट की अलग ही चिंता है। आज हर जगह चॉकलेट…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 8 19 Jan 201919 Jan 2019 सपना या हकीकत एक रोज चला मैं सड़कों पर सोचा कि ले लूं स्वास्थ्य लाभ निश्चिंत चपल उत्साह युक्त कदमों की थी एक नियत चाल थी सोच बने ये दिनचर्या…