शायरी शायरी – 33 25 Aug 201925 Aug 2019 थक गया हूं इन समझदारियों से अब थोड़ी मनमानियां तो करने दो थक गया हूं सबको खुश कर कर के अब थोड़ी शैतानियां तो करने दो ढूंढता हूं फिर से…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 8 19 Jan 201919 Jan 2019 सपना या हकीकत एक रोज चला मैं सड़कों पर सोचा कि ले लूं स्वास्थ्य लाभ निश्चिंत चपल उत्साह युक्त कदमों की थी एक नियत चाल थी सोच बने ये दिनचर्या…