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अलबेला दर्पण | Albela Darpan

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Tag: #रिश्ते

शायरी

शायरी – 54

19 Oct 202120 Oct 2021
खट खट खटनी खटिया खटीखटके जब खटा शरीरखट खट खटके तब तात कीखटके अब खटा कुटीर © Arun अर्पण
शायरी

शायरी – 47

2 Aug 202018 Sep 2021
जब काश का दौर दिखे सम्मुखबस याद जरा कर लो दिल सेहैं दूर बदन, नहीं दिल से जुदादिल खोल के रख दो जरा फिर से © Arun अर्पण
शायरी

शायरी – 40

18 Dec 201918 Dec 2019
अक्सर ही देर हो जाती है जब भाव दिलों पर हावी हो, अक्सर ही देर हो जाती हैजब एकतरफा अहसास मिले, अक्सर ही देर हो जाती हैसंवाद की राह दिखे…
शायरी

शायरी – 34

9 Sep 20199 Sep 2019
प्रेम की बारिश में कुछ दिन से ओले जैसी बात थीसब कुछ ठीक मगर फिर भी क्यों अश्कों की बरसात थीउनको फिकर जमाने की और ख्वाहिश दुनिया के राज कीहमारी…
विचार श्रृंखला

विचार श्रृंखला – 23

14 Mar 201930 Mar 2019
कड़वी बातों के पीछे का अपनापन आज कल्लू बहुत उदास था। वैसे तो वो अक्सर ही किसी न किसी कारण से उदास रहने वाला व्यक्ति है किन्तु उसकी आज की…
कविता/poetry

काव्य श्रृंखला – 20

16 Feb 2019
एहसासों का "आलिंगन" दुनिया का सब सुख फीका है, सब कुछ होता लघुप्राय जहां जो जननी का ही आंचल है, पाया सबने था प्राण जहां ढोती नौ मास, सहे हर…
कविता/poetry

काव्य श्रृंखला – 18

8 Feb 201911 Feb 2019
प्रोपोज डे और कल्लू का दर्द चहुं ओर लालिमा सूरज की, भई भोर और मैं हुआ विभोर होके निवृत्त नित कामों से, मैं निकल पड़ा ऑफिस की ओर कुछ दूर…
कविता/poetry

काव्य श्रृंखला – 16

1 Feb 201911 Feb 2019
वफा की एक अदा अनेकों बार हमारे जीवन में ऐसे मौके आते हैं जब हम किसी व्यक्ति को दिल से चाहते या इज्जत करते हैं लेकिन उस व्यक्ति को हमारी…
शायरी

शायरी – 15

29 Jan 201913 Feb 2019
कुमुदिनी संग भ्रमर अक्सर, कहानी रात भर की है चला जाता सुबह होते, किरण का साथ पाने को गुलाबों पर भी मंडराता, मकर रस का वो है प्यासा हमें भाते…
शायरी

शायरी – 14

27 Jan 201930 Mar 2019
हमराह मिला न सफ़र में कोई ना जाने क्या रुसवाई है कल देखोगे मेरे संग काफिला भले आज बहुत तन्हाई है
कविता/poetry

काव्य श्रृंखला – 10

21 Jan 20198 Apr 2019
पुरुष : संवेदना बनाम अवधारणा बातें सिमट रही हैं, रिश्ते सिमट रहे हैं बातें विकास की हैं, पर दिल सिमट रहे हैं भाई न भाई का है, ना है कोई…

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