शायरी शायरी – 22 25 Feb 201925 Feb 2019 फना करके निग़ाहों को, चिरागों को करे रोशन जला करके खुदी का घर, सजाए गैर का गुलशन जमाने में वफ़ा की ये, अदा, जाने कहां की है कहें अपना, दिखें…
शायरी शायरी – 21 21 Feb 2019 जीवन भर परिवार और समाज की उम्मीदों को उठाने वाले लोग जब चौथेपन की तरफ बढ़ते हैं तो अक्सर ही उन्हें रेगिस्तान के सूखे पेड़ की तरह उनके हाल पर…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 21 20 Feb 2019 घर खो गया है जीवन की आपाधापी में, ख्वाहिश के तंग गलीचों में, सब कुछ पाने के सपनों में, ईमान कहीं सो गया है सच ही कहते हैं दुनिया वाले,…
शायरी शायरी – 20 17 Feb 2019 हर पल बदलती दुनिया में हो रहे नित नए अनुभवों और मजबूरी की मुस्कान के पीछे दर्द की उपस्थिति। आखिर कौन सी दुनिया में जी रहे हैं हम सब? पेश…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 19 14 Feb 2019 ये कैसा वेलेंटाइन आज सुबह से ही हर जगह वेलेंटाइन डे की धूम मची हुई है। शादीशुदा लोग खुलेआम वेलेंटाइन मना रहे हैं तो कुछ अन्य छुप कर या ऑनलाइन…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 18 8 Feb 201911 Feb 2019 प्रोपोज डे और कल्लू का दर्द चहुं ओर लालिमा सूरज की, भई भोर और मैं हुआ विभोर होके निवृत्त नित कामों से, मैं निकल पड़ा ऑफिस की ओर कुछ दूर…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 17 6 Feb 201918 Sep 2021 औलाद वालों फूलो फलो इन दिनों प्रयागराज में कुंभ मेले की भव्य छटा श्रद्धालुओं को अत्यंत मनोरम और दिव्यता का अनुभव प्रदान कर रही है। यह सत्य है कि इस…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 17 4 Feb 201911 Feb 2019 शहादत के बाद देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर की शहादत न केवल देश और समाज की क्षति है बल्कि वो एक ऐसे परिवार की भी…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 कहीं एक पंक्ति पढ़ा था, "कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई।" पंक्ति क्या, एक पूरी कविता ही थी जिसकी अंतिम पंक्ति है, "मैं जिंदगी हूँ पगले, तुझे जीना सिखा…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 16 1 Feb 201911 Feb 2019 वफा की एक अदा अनेकों बार हमारे जीवन में ऐसे मौके आते हैं जब हम किसी व्यक्ति को दिल से चाहते या इज्जत करते हैं लेकिन उस व्यक्ति को हमारी…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 15 30 Jan 201911 Feb 2019 सरकारी संपत्ति – आखिर किसकी (भाग – 2) "अरे पता है, आज सरकार ने बोला है कि हर व्यक्ति के बैंक खाते में बिना काम किए ही पाँच हजार रुपए…
शायरी शायरी – 15 29 Jan 201913 Feb 2019 कुमुदिनी संग भ्रमर अक्सर, कहानी रात भर की है चला जाता सुबह होते, किरण का साथ पाने को गुलाबों पर भी मंडराता, मकर रस का वो है प्यासा हमें भाते…