विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 39 8 Dec 20198 Dec 2019 आधुनिक मानव और खुशियों का रिमोट आजकल एक बड़ा ही विचित्र सा दौर चल पड़ा है – खुद की सोच को सबसे अच्छा मान लेने या यूं कहें तो थोप…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 38 27 Oct 201927 Oct 2019 एक दिवाली ऐसी भी हर साल दीवाली आती है, सब लोग मनाने जाते हैं कुछ छुट्टी पर घर आते हैं, उत्साह से घर को सजाते हैं मचती है धूम रंगोली…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 22 24 Feb 2019 खुशी की पता - बताओ जरा समझ न सका तेरे दस्तूर को "अरुण" समझ न सका कि तेरी चाहत क्या है गर हंसता हूं तो चुभता हूं, रोने की फितरत…
शायरी शायरी – 20 17 Feb 2019 हर पल बदलती दुनिया में हो रहे नित नए अनुभवों और मजबूरी की मुस्कान के पीछे दर्द की उपस्थिति। आखिर कौन सी दुनिया में जी रहे हैं हम सब? पेश…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 18 8 Feb 201911 Feb 2019 प्रोपोज डे और कल्लू का दर्द चहुं ओर लालिमा सूरज की, भई भोर और मैं हुआ विभोर होके निवृत्त नित कामों से, मैं निकल पड़ा ऑफिस की ओर कुछ दूर…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 कहीं एक पंक्ति पढ़ा था, "कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई।" पंक्ति क्या, एक पूरी कविता ही थी जिसकी अंतिम पंक्ति है, "मैं जिंदगी हूँ पगले, तुझे जीना सिखा…
शायरी शायरी – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 रहगुजर में मिल ही जाता है एक हमसफ़र फर्क बस ये है कि तुमने खुद के लिए क्या चुना
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 16 1 Feb 201911 Feb 2019 वफा की एक अदा अनेकों बार हमारे जीवन में ऐसे मौके आते हैं जब हम किसी व्यक्ति को दिल से चाहते या इज्जत करते हैं लेकिन उस व्यक्ति को हमारी…
शायरी शायरी – 14 27 Jan 201930 Mar 2019 हमराह मिला न सफ़र में कोई ना जाने क्या रुसवाई है कल देखोगे मेरे संग काफिला भले आज बहुत तन्हाई है
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 14 26 Jan 201910 Jun 2022 गणतंत्र दिवस और मेरा देश जब नींद खुली अल सुबह आज, तब देखा एक नया प्रभात सारे चेहरे खुशहाल दिखे, तब सोच में पड़ गया क्या है आज लड़ते, भिड़ते,…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 13 24 Jan 20198 Apr 2019 एक प्रेमी की व्यथा कल तक जिनकी जान थे हम अब भूल गए पहचान मेरी कल तक जो मरते थे हम पर अब भूल गए वो शान मेरी जिनके दिन…