शायरी शायरी – 38 29 Oct 201918 Sep 2021 ग़म की सूरत भी जिनकी नजर में नहींसोचते हैं कि इतना क्यों हंसता हूं मैंजिनको भावों की दिल के कदर ही नहींसोचते हैं कि इतना क्यों सस्ता हूं मैंजिनकी नजरें…