गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 11 21 Sep 202121 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 39 से 43 कुलक्षये प्रणश्यन्ति कुलधर्माः सनातनाः। धर्मे नष्टे कुलं कृत्स्नमधर्मोSभिभवत्युत।।39।। अधर्माभिभवात्कृष्ण प्रदुष्यन्ति कुलस्त्रियः। स्त्रीषु दुष्टासु वाष्णेय जायते वर्णसंकरः।।40।। संकरो नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च।…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 10 15 Sep 202118 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 31 से 38 न च श्रेयोSनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे। न कांक्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च।।31।। किं नो राज्येन गोविन्द किं भोगैर्जीवितेन वा।…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 9 12 Sep 202113 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 27 से 30 तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान्। कृपया परयाविष्टो विषीदन्निदमब्रवीत्।।27।। अर्जुन उवाच दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्। सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति।।28।। वेपथुश्च…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 8 8 Sep 20218 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 24 से 26 संजय उवाच एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत। सेनयोरुर्भयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्।।24।। भीष्मद्रोणप्रमुखतः सर्वेषां च महीक्षिताम्। उवाच पार्थ पश्येतान्सम्वेतान्कुरुनिति।।25।। तत्रापश्यत्स्थिान्नपार्थः पितृनथ पितामहान्। आचार्यान्मातुलान्भ्रातृन्पुत्रान्सखींस्तथा। श्वशुरान्सुहृदश्चैव…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 7 7 Sep 20217 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 20 से 23 अथ व्यवस्थितान्दृष्ट्वा धार्तराष्ट्रान्कपिध्वजः। प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरुद्यम्य पाण्डवः। हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते।।20।। अर्जुन उवाच सेनयोरुभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेSच्युत।।21।। यावदेतान्निरीक्षेSहं योद्धुकामानवस्थितान्। कैर्मया सह…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 6 6 Sep 20216 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 12 से 19 तस्य संजनयंहर्षं कुरुवृद्धः पितामहः। सिंहनादं विनयद्योच्चैः शंखं दध्मौ प्रतापवान्।।12।। ततः शंखाश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखाः। सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोSभवत्।।13।। ततः श्वेतेर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ।…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 5 4 Sep 20214 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 7, 8, 9, 10, 11 अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम। नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते।।7।। भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समीतिन्जय। अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 4 3 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 4, 5, 6 अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि। युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।4।। धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्। पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुड्गवः।।5।। युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्। सौभद्रो द्रौपदेयाश्च…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 3 2 Sep 2021 अध्याय – 1 / श्लोक – 3 पश्येतां पाण्डुपुत्राणामाचार्यं महतीं चमूम्। व्यूढ़ां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता।। अनुवाद –द्रोणाचार्य के समीप जाकर दुर्योधन ने उनसे कहा – हे आचार्यǃ आपके विद्वान…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 2 1 Sep 2021 अध्याय–1/श्लोक–2 संचय उवाच दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा। आचार्यमुपसड्गम्य राजा वचनमब्रवीत्।। अनुवाद –संजय ने कहा – पाण्डवों की विशाल सेना की व्यूहरचना को देखकर दुर्योधन आचार्य द्रोणाचार्य के पास जाकर…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य – 1 31 Aug 2021 अध्याय–1/श्लोक–1 धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः। मामकाः पाण्डवाश्चैव किंकुर्वत संजय।। अनुवाद–धृतराष्ट्र ने कहा– हे संजय! धर्म के क्षेत्र कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए पाण्डु के पुत्रों तथा मेरे…
गीता माणिक्य गीता माणिक्य 30 Aug 2021 ॐ अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानांजनशलाकयाचक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः।। श्री चैतन्यमनोSभीष्टं स्थापितं येन भूतले।स्वयं रुपः कदा मह्यं ददाति स्वपदान्तिकम्।। वन्देSहं श्रीगुरोः श्रीयुतपदकमलं श्रीगुरुन् वैष्णवांश्च।श्रीरुपं साग्रजातं सहगणरघुनाथान्वितं तं सजीवम्।। साद्वैतं सावधूतं…