शायरी शायरी – 19 13 Feb 201913 Feb 2019 दुनिया में लगातार पनप रहे अविश्वास और अनवरत जारी विश्वासघात के दौरे नजर पेश हैं चंद पंक्तियां :- खुले ज़ख्मों को मरहम की, नजर देते नहीं हैं अब रगड़ते हैं…
शायरी शायरी – 17 5 Feb 201911 Feb 2019 अपनाया खूबियों को ही कमियों को नजरंदाज किया पास आए तो नजर आया मंजर ख्वाबों के परे पाया फिर कौन कहे और सहे उल्फत गर प्रीत वो थी तो गम…