कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 66 12 Nov 202112 Nov 2021 बर्बाद गुलशन मर चुकी मानवता में क्यों जान देखते हो तुमझूठ और फरेबों में क्यों ईमान देखते हो तुममतलबी यारानों में क्यों यार देखते हो तुमटूटते घरानों में क्यों प्यार…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 50 27 Sep 2020 बेटियां नहीं आएंगी कुछ कर्म करो खुद जीने कोसोने से थाली में रोटियां नहीं आएंगीअब सोच बदल लो यथासमयडरने से कदम में चोटियां नहीं आएंगी बेटों, पैसों की है चाह…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 40 16 Dec 201916 Dec 2019 मौत और इश्क़ के बाद "जिंदगी" दिन रात जिए जिनकी खातिर, तम-गम का अक्स मिटाने कोरुखसत जो हुआ उस दुनिया से, जुट गए मेरा नक्श मिटाने कोमेरा यूं ही उठ…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 39 8 Dec 20198 Dec 2019 आधुनिक मानव और खुशियों का रिमोट आजकल एक बड़ा ही विचित्र सा दौर चल पड़ा है – खुद की सोच को सबसे अच्छा मान लेने या यूं कहें तो थोप…
शायरी शायरी – 34 9 Sep 20199 Sep 2019 प्रेम की बारिश में कुछ दिन से ओले जैसी बात थीसब कुछ ठीक मगर फिर भी क्यों अश्कों की बरसात थीउनको फिकर जमाने की और ख्वाहिश दुनिया के राज कीहमारी…
शायरी शायरी – 22 25 Feb 201925 Feb 2019 फना करके निग़ाहों को, चिरागों को करे रोशन जला करके खुदी का घर, सजाए गैर का गुलशन जमाने में वफ़ा की ये, अदा, जाने कहां की है कहें अपना, दिखें…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 20 16 Feb 2019 एहसासों का "आलिंगन" दुनिया का सब सुख फीका है, सब कुछ होता लघुप्राय जहां जो जननी का ही आंचल है, पाया सबने था प्राण जहां ढोती नौ मास, सहे हर…
शायरी शायरी – 19 13 Feb 201913 Feb 2019 दुनिया में लगातार पनप रहे अविश्वास और अनवरत जारी विश्वासघात के दौरे नजर पेश हैं चंद पंक्तियां :- खुले ज़ख्मों को मरहम की, नजर देते नहीं हैं अब रगड़ते हैं…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 18 8 Feb 201911 Feb 2019 प्रोपोज डे और कल्लू का दर्द चहुं ओर लालिमा सूरज की, भई भोर और मैं हुआ विभोर होके निवृत्त नित कामों से, मैं निकल पड़ा ऑफिस की ओर कुछ दूर…
Photography Photography Series – 16 3 Feb 201911 Feb 2019 ऊंचाई का विश्वास जब कोई पंछी ऊंची उड़ान भरता है तो उसके सबसे बड़े साथी उसकी खुद की हिम्मत और अपनी क्षमता पर अटूट विश्वास ही होते हैं। लक्ष्य बड़ा…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 कहीं एक पंक्ति पढ़ा था, "कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई।" पंक्ति क्या, एक पूरी कविता ही थी जिसकी अंतिम पंक्ति है, "मैं जिंदगी हूँ पगले, तुझे जीना सिखा…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 16 1 Feb 201911 Feb 2019 वफा की एक अदा अनेकों बार हमारे जीवन में ऐसे मौके आते हैं जब हम किसी व्यक्ति को दिल से चाहते या इज्जत करते हैं लेकिन उस व्यक्ति को हमारी…